Singrauli Smart Meters : बिजली के 440 वोल्ट के स्थान पर सबसे ज्यादा झटका बिजली बिल दे रही है। आलम यह है कि नए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के इतना झटका दे रहे हैं कि महीने के शुरूआत में ही भारी भरक म बिजली बिल देख उनके होश उड़ जा रहे हैं। यह समस्या पिछले मार्च एवं अप्रैल महीने से बनी हुई है।
दरअसल ऊर्जाधानी में 45 डिग्री तापमान को झेलते रहे। इस दौरान सूर्य देवता कोसते रहे किन्तु जिन उपभोक्ताओं घर में बिजली का बिल पहुंच रहा है। बिल के रकम को देख उन्हे 440 वोल्ट से ज्यादा झटका लग रहा है। आलम यह है कि स्मार्ट मीटर के पूर्व जिन उपभोक्ताओं के घरों, दुकानों में पुराना मीटर लगा था। पहले मीटर 100 यूनिट से ज्यादा नही चल रहा था और घर में सिर्फ एक कूलर, पंखा, अधिकत्म 10-10 वॉट के वल्ब लगे हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर इस तरह से भाग रहे हैं कि महीने में 100 यूनिट के स्थान पर 300 यूनिट चल रहे हैं। मीटरों के अंधाधुध रीडिंग के चलते देख उपभोक्ता परेशान हो जा रहे हैं।
उपभोक्ताओं का आरोप है कि एमपीईबी अमला उपभोक्ताओं जेब में इन दिनों डाका डालने का कार्य कर रहा है। समस्या से अवगत कराये जाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी नजर अंदाज कर उल्टा बिजली की खपत ज्यादा होने की बात कर स्मार्ट मीटर में खराबी होने से इंकार कर दे रहे हैं। जबकि उपभोक्ताओं का कहना है कि एमपीईबी शहर के अधिकारी स्मार्ट मीटर की जांच कराये जाने के बजाए बिजली की खपत ज्यादा होने क ा आड़ लगाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। बैढ़न, बिलौंजी, ताली, गनियारी, नवानगर, विंध्यनगर सहित शहरी क्षेत्र के सैकड़ों उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि मार्च, अप्रैल महीने से बिजली बिल होश उड़ा दे रहा है। इतना भारी भरकम बिजली बिल आ रहा है कि अब गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवार द्वारा आगामी दिनों में बिजली बिल की अदायगी करना आगामी दिनों में काफी कठिन लग रहा है। सवाल उठाया जा रहा है कि अब प्रदेश सरकार की सोची समझी चाल है। स्मार्ट मीटर के आड़ में अन्य भरपाई कराकर प्रदेश का खजाना भर रही है।
मई माह में 21 प्रतिशत अधिक यूनिट की हुई विद्युत सप्लाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार मई 2024 में अब तक की रिकॉर्ड विद्युत खपत दर्ज हुई है । मई 2024 में कुल 176 लाख यूनिट बिजली खपत दर्ज हुई है। जबकि विगत वर्ष 2023 में 144 लाख यूनिट विद्युत खपत हुई थी। इस प्रकार इस वर्ष 21 प्रतिशत अधिक विद्युत यूनिट की खपत दर्ज हुई है। किंतु विभाग के लिए चिंता का विषय है कि उपभोक्ताओं के मीटर में दर्ज खपत के आधार पर 120 लाख यूनिट की बिलिंग हो पाई है । शेष 55 लाख यूनिट लगभग 30 प्रतिशत विद्युत का नुकसान मई 2024 में दर्ज किया गया है। जिसमें तकनीकी लास लगभग 8 प्रतिशत लगभग 22 प्रतिशत विद्युत की चोरी हुई है । जिसकी जांच के लिए विशेष दलों का गठन किया गया है। विशेष उड़न दस्ता दलों ने पिछले महीने को लगभग 45 बिजली चोरी के प्रकरण बनाए गए हैं। विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में ऐसे 5000 उपभोक्ताओं को चिन्हित किया गया है जहां एसी, कूलर एवं ज्यादा लोड के उपकरण लगे हुए हैं । जिन कनेक्शनों में लोड के हिसाब से उनकी खपत दर्ज नहीं हो रही है तथा जहां चोरी के संदेहास्पद प्रकरण है उनकी लगातार चेकिंग का अभियान चलाया जा रहा है। जिससे विद्युत के नुकसान को कम किया जा सके।
मीटर में खेला या ज्यादा बिजली की खपत
उपभोक्ताओं का कहना है कि नए मीटर जहां-जहां लग रहे हैं। उनके रीडिंग ही उस बात की बया कर रहे हैं कि इसमें कही बड़ा खेला तो नही है। या फिर अप्रैल महीने से लेकर जून महीने तक भीषण गर्मी के चलते बिजली की खपत हर जगह बढ़ गई थी। इसको नकारा नही जा सकता है। हॉ इतना जरूर बताया जा रहा है कि नए एवं पुराने मीटरों में कुछ न कुछ रीडिंग में अन्तर आ रहा है। इसके पीछे कारण क्या है। अगले में माह जुलाई-अगस्त में घरों में भी बिजली की खपत कम हो जाएगी । तब इसका असली वजह सामने आएगा।
इनका कहना
स्मार्ट मीटर में कोई गड़बड़ी नही है। बिजली की खपत ज्यादा होने के कारण बिजली का बिल आ रहा है। इस वर्ष जितनी बिजली की खपत हुई है। इसके पूर्व क भी बिजली की डिमांड नही थी।
अजीत सिंह बघेल-कार्यपालन अभियंता
एमपीईबी बैढ़न,शहर
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