सिंगरौली समाचार: मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक साल पहले चिटफंड और फर्जी बैंक संचालित करने वालों के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर कार्रवाई की गई थी। जिले में भी कई चिटफंड कंपनियों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। कार्रवाई होने के बाद कुछ समय तक चिटफंड व फर्जी बैंक चलाने वाले जिले से गायब हो गए थे, लेकिन जिले के जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की लापरवाही से एक बार फिर से जिले में चिटफंड कंपनी व फर्जी बैंक का संचालन करने वाले सक्रिय हो गए हैं।
एक-दो कमरे में बैंक और चिटफंड कंपनी का संचालन करने वाले लोग भोले-भाले लोगों को कर्ज देने के नाम पर फंसाने के लिए बाकायदा महिला कर्मचारी रखे हुए हैं। जो गरीब वर्ग के लोगों को कर्ज दिलाने के नाम पर उनकी जमीन तक गिरवी रखवा रही है। ऐसा ही एक मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के नगर निगम अध्यक्ष के आवासीय बंगले के ठीक सामने का आया है। यहां पर कृषि उपज मंडी व्यावसायिक भवन में बृजेश कुमार शाह पिता रामविचारे शाह निवासी कचनी द्वारा फर्जी बैंक श्रीराम माइक्रो फाइनेंस के नाम से खोला गया है। संचालक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए वार्ड पार्षद संतोष कुमार शाह कोतवाली पुलिस व एसपी से शिकायत कर चुके हैं लेकिन कार्रवाई करना तो दूर पुलिस आज तक फाइनेंस कंपनी के वैध दस्तावेज तक चेक नहीं किये हैं।
दर्ज है एक दर्जन मामले
पार्षद संतोष कुमार शाह का कहना है कि श्रीराम माइक्रो बैंक का संचालन करने वाले बृजेश कुमार शाह के खिलाफ कोतवाली, नवानगर सहित अन्य थानों में एक दर्जन मामले दर्ज हैं। कुछ मामले इसी साल दर्ज हुए हैं, जिसमें पुलिस फरारी दिखा रही है पर पुलिस बैंक का संचालन करने वाले को पकड़ नहीं रही है। संचालक के खिलाफ मारपीट, धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। बृजेश शाह की सहयोगी रेशमा खान पति इसहाक खान निवासी तलाब रोड घूरीताल के खिलाफ भी नवानगर व कोतवाली में चार मामले दर्ज हैं लेकिन पुलिस आज तक उसके खिलाफ भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
एक सप्ताह पहले दर्ज मामले में नहीं हुई कार्रवाई
बैंक संचालक बृजेश शाह व उसकी सहकर्मी रेश्मा खान के खिलाफ 27 जुलाई को संतोष कुमार शाह की शिकायत पर कोतवाली थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 127 (1), 351 (2), 3(5), 3(4) के तहत मामला दर्ज हुआ था, लेकिन इस मामले में कोतवाली पुलिस सिर्फ मामला दर्ज करने तक ही सीमित रह गई है। आज तक दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित संतोष शाह ने बताया कि बृजेश शाह की कंपनी से उसने पांच हजार रुपए कर्ज लिया था, पांच सौ रुपए प्रति माह ब्याज जमा किया गया, उसके बाद भी बृजेश शाह और रेशमा खान द्वारा उसके साथ मारपीट की गई और एक लाख रुपए ब्याज सहित वापस किए जाने की मांग की थी। पीड़ित को आरोपियों द्वारा झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी थी, लेकिन इस मामले में पुलिस खुले तौर पर आरोपियों को संरक्षण दे रही है।
चेक बाउंस कराने की दी जा रही धमकी
बिलौंजी निवासी रामप्रकाश शाह पिता छोटेलाल शाह ने एक लाख रुपए का कर्ज बृजेश शाह से लिया था। कर्ज के बदले बतौर गारंटी तीन चेक लिए थे। जिसमें एक चेक में एक लाख रुपए भरे गए थे, दो चेक ब्लैंक थे। पीड़ित ने बताया कि 2020 में लिए गए कर्ज ब्याज सहित 1 लाख 30 हजार रुपए चुका दिये थे। राशि चुकाने के बाद भी ब्लैंक चेक वापस नहीं किए गए। अब ब्लैंक चेक बैंक में लगाकर बाउंस कराकर जेल भेजने की धमकी चिटफंड कंपनी संचालक द्वारा दी जा रही है। इसी तरह से एक अन्य मामले में मिथिलेश कुमार शाह ने 50 हजार रुपए की राशि कर्ज के तौर पर ली थी। कर्ज देने से पहले दो ब्लैंक चेक लिए गए थे। कर्ज की राशि चुकाने के बाद अब उनको भी ब्लैंक चेक बैंक में लगाकर बाउंस कराकर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है।
महिला कर्मचारियों से दिलाई जाती है धमकी
चिटफंड कंपनी के चुंगल में जो लोग फंस चुके हैं और लिए गए कर्ज की राशि वापस कर चुके है, उन लोगों को कंपनी संचालक द्वारा महिला कर्मचारियों से परेशान करवाया जा रहा है। पीड़ितों का कहना है कि महिला कर्मचारी पैसों की मांग कर धमकी देती है कि अगर पैसे नहीं दिए तो छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई जाएगी। मामला जो भी हो लेकिन चिटफंड कंपनी का संचालन जिले में किसकी सहमति से किया जा रहा है और गरीब वर्ग के लोगों को निशाना किसकी सह पर बनाया जा रहा है, इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए ताकि जो लोग चिटफंड कंपनियों के चंगुल से निकल सकें।