Singrauli News : सहकारी समितियों के कमीशन के 18 करोड़ दबाए बैठा है नागरिक आपूर्ति निगम,तीन साल से नहीं किया गया कमीशन की राशि का भुगतान

By Nai Samachar

Published on:

Singrauli News

Singrauli News : धान, गेहूं, चना, मसूर, सरसों सहित अन्य किसानों की अन्य फसलों की खरीदी समितियों के माध्यम से कराई जाती है। समर्थन मूल्य पर किसानों से उपज की खरीदी करने के एवज में सरकार द्वारा समितियों को कमीशन दिया जाता है। कमीशन का हिसाब-किताब और राशि के भुगतान की जिम्मेदारी शासन द्वारा नगरिक आपूर्ति निगम को सौंपी गई है, लेकिन जिले में किसानों से उपज की खरीदी करने वाली समितियों को पिछले तीन साल से कमीशन का भुगतान नान द्वारा नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि तीन साल के कमीशन की राशि बढ़ते-बढ़ते 18 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है लेकिन जिम्मेदार नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी आज तक कमीशन की राशि का भुगतान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

समितियों की आर्थिक हालत हो रही खराब

जिले में 39 सहकारी समितियां काम कर रही हैं। यही समितियां रबी सीजन और खरीफ सीजन में किसानों की उपज की खरीदी करती हैं। खरीदी करने के एवज में शासन द्वारा जो कमीशन दिया जाता है, उस कमीशन की राशि का समय पर भुगतान न होने से समितियों की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। गौरतलब है कि कमीशन से जो राशि समितियों को मिलती है, उस राशि का भुगतान समितियों के कर्मचारियों और समिती के रखरखाव व अन्य मदों में खर्च की जाती है। लेकिन तीन साल से कमीशन की राशि न मिलने से समितियों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।

सीधी-सिंगरौली में उलझा है मामला

किसानों से समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी करने की एजेंसी जिले में नागरिक आपूर्ति निगम है। नागरिक आपूर्ति निगम सहकारी समितियों के माध्यम से उपज की खरीदी करवाता है, खरीदी के एवज में समितियों को सरकार द्वारा कमीशन दिया जाता है। सिंगरौली जिले की खरीदी एजेंसी नान है लिहाजा कमीशन की राशि सरकार द्वारा नान को दी जाती है। उसके बाद नान समितियों को कमीशन की राशि का भुगतान करता है। बताया जा रहा है कि सिंगरौली जिले में जो नान के अधिकारी बैठे हैं, उनके पास वित्तीय अधिकार नही हैं। वित्तीय अधिकार सीधी जिले के अधिकारी के पास हैं, यही वजह है कि कमीशन की राशि का मामला सीधी और सिंगरौली के बीच उलझा हुआ है। सवाल ये भी उठ रहा है कि जिले के नान अधिकारी के पास भले ही वित्तीय अधिकार न हो लेकिन वह सीधी के अधिकारी से संपर्क कर कमीशन की राशि का भुगतान समितियों को करा सकते हैं।

श्रमिकों की मजदूरी का नहीं किया भुगतान

उपज की खरीदी करने के लिए समितियों द्वारा जो लेबर लगाए जाते हैं, उनकी मजदूरी का भुगतान भी नान के द्वारा ही किया जाता है, लेकिन जिले में हाल ही में संफा हुई गेहूं की खरीदी करने में लगाए गए कई समितियों के श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान नान द्वारा नहीं किया गया है। सहकारी समिति सखौहा, महुआगांव, खुटार आदि में खरीदी कार्य के लिए लगाए गए श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं किया जा सका है। जिन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है वे समितियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कहाँ उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

मिलिंग में भी की जा रही लापरवाही

किसानों से क्रय की गई धान की उपज की मिलिंग जिले में ही कराई जाती है। मिलिंग कराने की जिम्मेदारी नागरिक आपूर्ति निगम के जिम्मे ही है, लेकिन जिले में पदस्थ अधिकारी मिलिंग के काम में भी लापरवाही बरत रहे हैं। सूत्रों की मानें तो राइस मिलों की जांच करने तक अधिकारी नहीं जाते हैं। मिलर्स और अधिकारियों के बीच ऐसी साठगांठ रहती है कि मिलर्स अगर समय पर धान मिलिंग नही करता है तो उसके खिलाफ जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं। समितियों के कमीशन का भुगतान कब तक किया जाएगा, इसकी जानकारी लेने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी सीएस गोयल से मोबाइल पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं कीद। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राशि के भुगतान को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं।

ये खबरे भी पढ़े :

Singrauli NCL News : 2 साल के बाद जयंत कोल माइंस का कोयला हो जाएगा खत्म,एनटीपीसी प्लांट हो जाएगा बंद 

MP Weather Update : सिंगरौली समेत मध्य प्रदेश के 26 जिलों में मानसून ने दिया दस्तक, यहां देखिए सभी जिलों का नाम 

Singrauli Underground Mining : सिंगरौली में पहली बार अंडरग्राउंड माइनिंग,अब 3 भूमिगत खदानों से  निकलेगा कोयला

Singrauli News : सिंगरौली जिले के रहने वाले शिव प्रसाद की गेंदे की खेती से बदल गई दुनिया, जीवन में आया बाहर

Author about

Leave a Comment