Singrauli News : जिले में मुआवजा वीरों का की कमी नहीं है। है। कहीं भी भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होने की सुगबुगाहट होती है तो ये मुआवजा वीर सक्रिय हो जाते हैं। प्रयागराज सिंगरौली एनएच तो एक उदाहरण मात्र है। एक मुआवजा वीर ने एक ही जमीन पर बने मकान का तीन बार मुआवजा ले चुका है। चौथी बार मुआवजा लेने के लिए दबाव बना रहा है। मुआवजा वीर सिर्फ मकान का ही मुआवजा प्राप्त नहीं किया बल्कि 15 से अधिक हैंडपंप, कुआं आदि का मुआवजा हासिल कर चुका है।
मुआवजा वीर दीपेंद्र कुमार शाह, कृष्ण कुमार शाह, प्रेमशंकर शाह पिता लखपति शाह आदि ने मुआवजे का कारनामा सुलियरी कोल ब्लॉक के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन पर किया है। बताया जा रहा है कि जालसाजी करते हुए व जांच टीम को गलत जानकारी देकर मुआवजा अर्जित किया गया है। एपीएमडीसी कंपनी ने जब मुआवजा वीर के कारनामे को पकड़ा तो कंपनी के होश उड़ गए और आनन- फानन में कंपनी ने एसडीएम व तहसीलदार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराते हुए गलत तरीके से अर्जित की गई मुआवजे की राशि की वसूली कर वापस दिलाए जाने की मांग की है।
रहवासी को व्यावसायिक बना दिया
जिन मकानों का भुगतान मुआवजा वीर ने प्राप्त किया है, उसमें सभी को व्यावसायिक बताकर अधिक राशि ली है, जबकि मकान रहवासी है। जिन जगहों पर मुआवजे के लिए मकान बनाए गए हैं, वह जमीन शासकीय है। इतना ही नहीं दस्तावेजों में दर्जनों हैंडपंप, कुंआ लिखवाया गया है। सवाल ये उठ रहा है कि एक व्यक्ति एक मकान में क्या 15 हैंडपंप करायेगा। यानी कंपनी से मुआवजा प्राप्त करने के लिए न केवल झूठी जानकारी दी गई बल्कि सरकारी जमीन पर जो मकान बनाया गया था, वह भी गलत तरीके से बनाकर मुआवजा लिया गया है।
जांच में असलियत आई सामने
बताया जा रहा है कि दीपेंद्र शाह द्वारा मुआवजा प्राप्त करने में किए गए गोलमाल की जानकारी होने के बाद कंपनी ने जब आपत्ति दर्ज कराई और जांच की तो पाया कि दीपेंद्र व उसके घर वालों का रिहायसी कच्चा खपरैल का मकान मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर स्थित है लेकिन गलत जानकारी देकर शासन की भूमि को निजी भूमि बताकर मकान का मूल्यांकन 17.98.372 रुपये कराया गया है। एक निजी भूमि के खाता नंबर 410 में मकान के प्रतिकर राशि 45.98.904 रुपये का भुगतान दीपेंद्र शाह, कृष्ण कुमार शाह, प्रेमशंकर शाह पिता लखपति शाह के नाम से किया जा चुका है। कंपनी प्रबंधन का दावा है कि ये सभी भुगतान अनैतिक रुप से प्राप्त किये गये हैं।
डेढ़ करोड़ से अधिक लिया मुआवजा, लाखों बाकी
एपीएमडीसी कंपनी प्रबंधन की मानें तो दीपेंद्र कुमार शाह पिता लखपति शाह के द्वारा एक ही मकान का चार बार मुआवजा लिया गया है। चार बार मुआवजा लिए जाने के बाद भी मकान व जमीन खाली नहीं की जा रही है। उक्त विस्थापितों द्वारा निजी भूमि पर खाता नंबर 410 में पहली बार 45.98.904 रुपये, दूसरी बार उसी मकान का खाता नंबर 276 में 52.48.171 रुपये, 1.29.19.891 रुपये तीसरी बार भुगतान प्राप्त किया गया है।
इनका कहना है
दीपेंद्र कुमार शाह व उसके अन्य परिजनों द्वारा गलत जानकारियां देकर तीन या उससे अधिक बार मुआवजा लिया गया है। वस्तावेजों में 15 से अधिक हैंडपंप, कुंआ आदि दिखाकर मुआवजा लिया गया है। मामले की आंच अभी की जा रही है। कंपनी प्रबंधन द्वारा रिकवरी कराये जाने का आवेदन दिया गया है।