Singrauli Teacher Transfer List : शिक्षा विभाग में अतिशेष के रूप में पदस्थ कई शिक्षकों को शहर से ग्रामीण क्षेत्र में भेजने की कवायद शुरू हो गई है। सूची पर नजर डालें तो ऐसे 678 शिक्षक हैं जो पद न होने के बावजूद भी शहर या शहर से नजदीक वाले स्कूलों में जमे हैं। शासन से जारी निर्देश के बाद इन सभी शिक्षकों की उन स्कूलों से छुट्टी करते हुए अन्य स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस सूची में कई ऐसे शिक्षक हैं जो राजनीतिक पकड़ होने का दावा करते हैं और शिक्षकों के संगठनों से जुड़े हुए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अभी तक 678 अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर ली है जिनकी पदस्थापना ग्रामीण क्षेत्र के एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन स्कूलों में की जाएगी। बताया गया है कि अतिशेष शिक्षक अपने पहुंच और पकड़ के चलते अपना स्थानांतरण शहरी क्षेत्र या फिर अपने मन पसंद स्कूलों में करा ली थी। हाल ही में शासन ने ऐसे सभी शिक्षकों को रिक्त पदों पर भेजने के निर्देश दिए हैं। इन्हीं निर्देशों के आधार पर डीइओ कार्यालय में शिक्षकों की सूची बनकर तैयार हो गई है।
वैढ़न में सबसे अधिक अतिशेष
अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक शिक्षक वैढ़न विकासखंड के स्कूलों में अतिशेष है। यहां 152 स्कूलों में सबसे अधिक 352 शिक्षक अतिशेष है। इसी प्रकार देवसर विकासखंड के 131 स्कूलों में 203 शिक्षक व चितरंगी के 95 स्कूलों में 123 शिक्षक अतिशेष बताए जा रहे है। अधिकारियों के मुताबिक 244 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि 552 स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
स्थानांतरण में राजनीति न आए आड़े
अतिशेष की सूची पहली बार तैयार नहीं हुई है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की सूची बनाई गई लेकिन अमल नहीं हुआ है। और तो और उन सूचियों के बनने के बाद भी कई स्थानांतरण नियम विरुद्ध होते रहे। अब एक बार फिर उन स्कूलों में शिक्षकों को भेजने की तैयारी की जा रही है। जहां शिक्षक कम हैं या फिर नहीं हैं लेकिन कई शिक्षकों की पहुंच राजनीतिक रूप से मजबूत हैं। ऐसे में कई बार शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए राजनीतिक रसूख रखने वाले शिक्षक अपनी मन पसंद पदस्थापना प्राप्त कर लेते हैं।
आपत्ति का नहीं मिलेगा मौका
गांव की स्कूलों में जाने वाले अतिशेष शिक्षकों के लिए इस प्रक्रिया में आपत्ति का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि यह शासन स्तर से फरमान जारी हुआ है। इस प्रक्रिया के तहत शिक्षा अधिकारियों की ओर से देहात के जिन स्कूलों में शिक्षकों को भेजा जाएगा। वहां उन्हें जाना ही होगा। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई सूची के बाद शिक्षकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। शहर या फिर आसपास में पोस्टेड शिक्षकों को अब लंबी दूरी तय करते हुए समय पर स्कूल पहुंचना होगा। इसके बाद कक्षा में बच्चों को पढ़ाना होगा।
शहर से गांव जाएंगे अतिशेष शिक्षक
शिक्षकों की पूर्ति के लिए अब शिक्षा विभाग के पास अतिशेष शिक्षक ही विकल्प हैं और कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को पूरा करने में व्यस्त है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम और शिक्षक अधिक ऐसे स्कूलों की जानकारी निकालने के बाद अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार हुई है। जिसमें इस तरह के शिक्षकों की संख्या 678 है। अब इनके तबादले की तैयारी जिला शिक्षा विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है।
अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है। शहर में लंबे समय से जमे शिक्षकों को अब ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भेजने की कवायद में शिक्षा विभाग जुटा है। शासन से प्राप्त निर्देश के बाद यह प्रक्रिया पूरा पर एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन स्कूलों में भी शिक्षकों की पूर्ति पूर्ति हो जाएगी। जिससे शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार होगा।
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