Singrauli District Hospital : जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के मरीजों का एक्सरे अब डिजिटल मशीन से होगा, जिसमें मामूली फ्रैक्चर की रिपोर्ट भी बेहतर मिलेगी। ट्रामा सेंटर में डीआर मशीन लगाया जा रहा है। मरीजों को बेहतर एक्सरे की जांच सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध होगी। अभी तक की स्थिति यह थी कि मामूली फ्रैक्चर होने पर सीआर सिस्टम में उसका पता नहीं चलता था जिससे मरीजों को बाहर से डिजिटल एक्स-रे कराना पड़ता था। मगर अब बाहर मेें एक्स-रे कराने की जरूरत नहीं है। बताया गया है कि डीआर मशीन (डिजिटल कंप्यूटर) की खासियत यह है कि इसमें कैसट नहीं लगेगी। टेक्नोलॉजी के मामले में सीआर से बेहतर है।
जिला चिकित्सालय में जल्द ही मरीजों को डबल डिटेक्टर एक्सरे मशीन की सुविधा मिल पाएगी। इस सुविधा के शुरू होने से कम समय में अच्छी गुणवत्ता की जांच हो पाएगी। साथ ही कैसेट वर्क पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। वहीं कैसेट रीडिंग व समय की बचत होगी। इतना ही नहीं नई डीआर मशीन से एक्सरे करने में समय कम लगने से अधिक-अधिक से मरीजों को इसका लाभ मिल पाएगा। वर्तमान में अस्पताल में पोर्टेबल मशीन के माध्यम से एक्सरे किया जाता है। जिससे समय ज्यादा लगने के साथ ही रिपोर्ट तैयार करने में देरी लगती है। जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
चिकित्सकों के पास पहुंचेगी रिपोर्ट
डीआर सिस्टम से एक्सरे करने में इमेज, शार्पनेस एवं क्लेरटी बढ़ जाएगी। साथ ही इमेज प्रोसेसिंग में लगने वाले समय की बचत होगी। गंभीर मरीज का एक्सरे करने के तुरंत बाद चिकित्सकों के मोबाइल पर इमेज भेज दिया जाएगा। जिसके अनुसार मरीजों का इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। मरीज के एक्सरे होने के तुरंत बाद ही कम्प्यूटर में इमेज शो करने लगेगा।
जिला अस्पताल में नई डिजिटल एक्सरे मशीन लग चुकी है। जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए बताई गई है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि डीआर मशीन की सुविधा शुरू होने से माइनर फैक्चर का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। जिससे विशेषज्ञों फैक्चर ऑपरेशन में भी आसानी होगी। जानकारों की माने तो कम समय में अधिक से अधिक मरीजों का एक्सरे किया जा सकता है। साथ ही गाइडलाइन के अनुसार रेडियोग्राफर को रेडिएशन काम से कम लगेगा। एक्सरे का कार्य करने में सुगमता के साथ-साथ चेस्ट स्टैंड में कैसेट लगाने या निकालने की झंझट खत्म हो जाएगी।
मरीजों को सहूलियत होगी
मरीजों की सुविधा को देखते हुए अस्पताल में नई डीआर एक्सरे मशीन लगाई गई है। डीआर मशीन के शुरू होने के बाद मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी। डीआर के शुरू होने से माइनर फैक्चर को भी आसानी से देखा जा सकता है। इससे मरीजों को भी सहूलियत होगी।
डॉ. देवेन्द्र सिंह, सिविल सर्जन जिला अस्पताल