Singrauli News : गड्ढा युक्त सडक़ें रेसिंग ट्रैक बन गई हैं। जिसके चलते दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं और लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। वर्ष 2024 में जनवरी से जुलाई तक 245 सडक़ दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। वहीं हादसे में 220 लोग घायल हुए हैं। पिछले वर्ष के सात महीने में हुई दुर्घटनाओं की स्थिति देखा जाए तो 248 दुर्घटनाओं में 80 की मौत हुई थी। जबकि, 248 लोग घायल हुए थे। दरअसल, जिले में आबादी के साथ ही हर रोज वाहनों की संख्या भी बढ़ी रही है मगर, सडक़ें नहीं बढ़ी। परिणाम यह कि आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और लोग अपनी जान गवां बैठते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में अधिक दुर्घटनाएं
पहले शहरी क्षेत्र में सडक़ दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती थी लेकिन, इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं लग रहा है। नतीजा वहां घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। वाहन चालक के तेज रफ्तार से भी कई बार घटनाएं होती है। लापरवाही का आलम यह है कि सघन बस्ती, मोड़ जैसे जगहों पर भी संकेत के लिए किसी प्रकार का बोर्ड नहीं होने के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।
दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह
- वाहनों की तुलना में सडक़ों का सीमित होना।
- सडक़ मार्ग से कोल परिवहन की अव्यवस्था।
- पहाड़ी क्षेत्रों में सडक़ों में तकनीकी खामियां।
- नशे में वाहन चलाने वालों पर लगाम नहीं।
- वाहनों की रफ्तार पर अंकुश नहीं लगाना।
- आवश्यक स्थानों में संकेतक का अभाव।
सड़क सुरक्षा समिति में यह दिया गया निर्देश
- ओवर लोड वाहनों पर चालानी कार्रवाई करें।
- वाहनों की रफ्तार काबू में करने कार्रवाई सुनिश्चित करें।
- निर्माणाधीन सडक़ों को तत्काल दुरुस्त कराएं।
- नौसिखिए वाहन चला रहे हैं, इस पर कार्रवाई करें।
- कोयला परिवहन में निर्धारित मानक का पालन कराएं।
दुर्घटनाओं की हकीकत
वर्ष | दुर्घटनाएँ | मौतें | घायल |
---|---|---|---|
2024 | 245 | 70 | 220 |
2023 | 248 | 80 | 248 |