Singrauli News : नई शिक्षा नीति के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को लेकर सिंगरौली सहित सूबे के 55 जिलों के लीड कॉलेजों के साथ ही 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालय 14 जुलाई, रविवार से प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील हो जाएंगे। जिला मुख्यालय वैढ़न में लीड कॉलेज का पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह दिन में 1 बजकर 45 मिनट पर प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में उद्घाटन करेंगी। मौके पर सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह व देवसर राजेंद्र मेश्राम, शहर की प्रथम नागरिक महापौर रानी अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडेय, सीडा अध्यक्ष दिलीप शाह, कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता, वार्ड 42 के पार्षद संतोष शाह, पूर्व सीडा अध्यक्ष गिरीश द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता व जिला महामंत्री सुंदर शाह सहित कॉलेज स्टाफ, छात्र- छात्राएं उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ एक बजे से होगा। विभिन्न सुविधाओं की शुरुआत के बाद उद्घाटन की प्रक्रिया पूरी होगी।
चार सहायक प्राध्यापकों को किया गया डिप्लॉय
चार सहायक प्राध्यापक वैढ़न डिप्लॉय किए गए हैं। शासकीय टीआरएस कॉलेज रीवा से इतिहास के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुशील कुमार दुबे, शासकीय आदर्श कॉलेज रीवा से रसायनशास्त्र के डॉ. संजय परिहार, टीआरएस कॉलेज रीवा से संगीत के डॉ. नित्यानंद चौधरी, आदर्श कॉलेज रीवा से प्राणिशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेंद्र कुमार त्रिपाठी के डिप्लॉयमेंट का आदेश जारी हुआ है।
भोपाल से आए नोडल ने तैयारियों का लिया जायजा
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन को सकुशल संपन्न कराने उच्च शिक्षा विभाग ने सीधी सिंगरौली के लिए ओएसडी गोविंद राय को नोडल नियुक्त किया है। जो शनिवार को प्रस्तावित पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस पहुंचे और तैयारियों को देखने के बाद हरी झंडी दी। कॉलेज स्टाफ को सुबह साढ़े नौ बजे बुलाया गया है। समस्त छात्र छात्राओं की उपस्थिति का भी निर्देश दिया गया है।
इन प्रकोष्ठ और सुविधाओं का भी होगा शुभारंभ
जानकारी के अनुसार इस अवसर पर विवेकानंद कॅरियर प्रकोष्ठ, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, विद्यार्थी पुस्तक केंद्र, विद्या वन, बस सेवा का भी उद्घाटन किया जाएगा। माड़ा-रजमिलान-खुटार व सासन रूट के छात्र इसी बस से लाए जाएंगे.
इस सत्र से होगी इन नवीन विषयों की शुरुआत
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में वे सब प्रोफेशनल पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे जो निजी शिक्षण संस्थानों में संचालित होते हैं। इसके अलावा डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू होंगे। रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को भी आरंभ करने की तैयारी है। फिलहाल, इस सेशन से यूजी में संस्कृत, भूगोल, इतिहास, बायो टेक, कम्प्यूटर साइंस व संगीत का पाठ्यक्रम शुरू होगा। चार साल बाद इन विषयों का पीजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। बीएड की पढ़ाई अगले साल शुरू की जाएगी।
एक नजर में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस
- 55 चयनित कॉलेजों में अधोसंरचना विकास, भवन विस्तार, लैंग्वेज व स्किल डेवलपमेंट लैब, उपकरणों व अन्य सुविधाओं पर 366 करोड़ होंगे खर्च।
- उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए पीएम कॉलेजों में 2032 नए पदों का सृजन किया गया है, जिस पर प्रतिवर्ष 150 करोड़ रुपये व्यय होगा।
- कुछ विशेष सुविधाएं देने के साथ कॉलेजों में नए नियम भी लागू किए जा रहे हैं। यह कॉलेजों के लिए मॉडल रूप में विकसित होगा।
- यूजीसी के सभी मापदंडों का होगा पालन, विषय और रोजगारमूलक शिक्षा दी जाएगी। इन कॉलेजों में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक कॉलेज के लिए 22 करोड़ दिए जा रहे हैं। जरूरत पर प्रदेश सरकार अपने बजट में राशि का देगी।
- कॉलेज एनईपी के उद्देश्यों पर आधारित होंगे। भारतीय ज्ञान परंपरा, अनुसंधान, हुनर आधारित रोजगारपरक शिक्षा पर फोकस किया जाएगा।
- कॉलेज को समृद्ध बनाने केलिए अधोसंरचना और एकेडेमिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रहेगा। विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार निर्धारित मापदंडों का पालन होगा।
- पर्यावरण हितैषी विद्यावन के विकास के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को एक रुपए प्रतिदिन में बस सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
- यहां स्थापित केंद्र में 40 फीसदी डिस्काउंट पर छात्रों को हिंदी ग्रंथ अकादमी की पुस्तकें मिलेंगी। इससे भारतीय ज्ञान परंपरा के उद्देश्यों की पूर्ति होगी।
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में 55 पद स्वीकृत
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में 55 शैक्षणिक पद मंजूर किए गए हैं। इनमें से अभी 16 पद भरे हैं। अन्य पदों पर जब तक नियुक्ति नहीं पूरी होगी, तब तक शिक्षण के लिए सहायक प्राध्यापकों को दूसरे जिले से डिप्लॉय किया जाएगा।
प्रोफेसरों के प्रशिक्षण के लिए बन रही नई नीति
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में चयनित प्रोफेसरों को ऑफलाइन व ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। जो भारतीय व गुरुकुल परंपरा के अनुरूप भारतीय परिवेश को बढ़ावा देंगे। इसके महत्व को समझाने की दृष्टि से प्रोफेसरों को उसी परिवेश में ट्रेनिंग देने की योजना है। कॉलेजों की कक्षाएं जुलाई में शुरू हो जाएंगी, लेकिन चयनित कॉलेजों में पीएम एक्सीलेंस के अनुसार व्यवस्था नहीं बनी है। संसाधनों की उपलब्धता के साथ प्राध्यापकों की चयन प्रक्रिया व ट्रेनिंग में भी समय लगेगा।
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