Singrauli News : बरगवां के कसर गांव में खुले बोरवेल में गिरने से एक तीन साल की मासूम बालिका की मौत हो गई थी। बोरवेल में गिरी बालिका को बचाने के लिए काफी प्रयास किया गया लेकिन वह नहीं बची। घटना के बाद कलेक्टर ने जिले के सभी निजी और सार्वजनिक खुले बोरवेलों को तत्काल बंद कराए जाने के निर्देश दिए थे लेकिन आज भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खुले बोरवेल देखे जा सकते हैं। दो दिन पहले सरई के मटिया गांव में एक खुला बोरवेल मिला था। राहत की बात यह है कि बोरवेल के बारे में जब प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी लगी तो तत्काल मौके पर पहुंचकर खुले बोरवेल को बंद कराया। हालांकि करीब एक साल पहले सभी शहरी क्षेत्र में नगर निगम और देहात में सचिव, रोजगार सहायकों को निर्देश दिए गए थे कि जितने भी खुले बोरवेल हैं, उन्हें बंद कराकर प्रतिवेदन मंगाए गए थे। ज्यादातर सचिव, रोजगार सहायकों ने गांव में एक भी खुला बोरवेल न होने का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। इसके बाद भी मटिया व अन्य गांवों में खुले बोरवेल कहां से आ गये। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जमीनी अमले ने अपने अधिकारियों के समक्ष झूठा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था।
एक सप्ताह पहले मिले आधा दर्जन खुले बोरवेल
सरई क्षेत्र के मटिया और कठदहा गांव में पिछले सप्ताह एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन खुले बोरवेल मिले थे। ये बात अलग है कि गांव के सचिव, रोजगार सहायक और जनपद के अधिकारी एक साल पहले ही प्रतिवेदन दे चुके थे कि दोनों गांवों में एक भी खुला बोरवेल नहीं है। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन जो खुले बोरवेल मिले थे, वह तीन-चार साल पुराने थे। जिनमें पानी नहीं मिलने पर खुला छोड़ दिया गया था। एक-दो निजी जमीन में थे, बाकी सरकारी जमीन में थे।
झूठा प्रतिवेदन देने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई
खुले बोरवेल के बारे में झूठा प्रतिवेदन देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जिले में आज तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है। झूठी जानकारी देने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद हैं। हालांकि बुधवार को कलेक्टर ने देवसर अनुभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए कि अगर खुले बोरवेल की झूठी जानकारी दी गई तो संबंधितों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।