NCL Singrauli Solar Power Plant : कोयला मंत्रालय की मिनीरत्न कंपनी एनसीएल ने नवकरणीय ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दरअसल, बुधवार को सोनभद्र क्षेत्र में 250 मेगावाट की अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया – है। इसके तहत एनसीएल रिहंद जलाशय में 100 मेगावाट तैरता (फ्लोटिंग) सोलर पावर प्लांट और 150 मेगावॉट ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना करेगी। इस परियोजना के अमल में आने के बाद, एनसीएल नेट-जीरो कंपनी बनने के लिए जरूरी लगभग 290 मेगावॉट की आवश्यकता को पूरा कर नेट-जीरो कंपनी बन सकेगी। इस प्लांट की स्थापना के साथ ओंकारेश्वर के बाद यह दूसरा फ्लोटिंग प्लांट होगा।
लखनऊ में हुआ एमओयू, इन्होंने किये हस्ताक्षर
एनसीएल की ओर से निदेशक तकनीकी / परियोजना एवं योजना सुनील प्रसाद सिंह और यूपीआरवीयूएनएल की ओर से निदेशक तकनीकी अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने लखनऊ में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। लखनऊ में हुये इस एमओयू के दौरान मौके पर एनसीएल के महाप्रबंधक ईएंडएम विभागाध्यक्ष दिनेश दंडोतिया, एसएन पांडेय प्रबंधक ईएंडएम एनसीएल और शैलेष सिंह सीई एमपीएस और डीके शर्मा सीई वाणिज्यिक यूपीआरवीयूएनएल एवं अन्य उपस्थित थे।
निगाही में NCL कर चुका है पहल
गौरतलब है कि एनसीएल ने निगाही क्षेत्र में 50 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट का संचालन पूर्व में ही चालू कर दिया है। जिससे कॉलोनी व खदान के विभिन्न स्थलों पर इससे बिजली की सप्लाई दी जा रही है। इसके साथ ही इस प्लांट की क्षमता में और भी वृद्धि करने की ओर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
क्या कहा एनसीएल सीएमडी ने?
इस उपलब्धि पर एनसीएल के सीएमडी बी. साईराम ने एनसीएल को नेट जीरो बनने और सतत खनन के लिए ऊर्जा के नवकरणीय स्रोतों को अपनाने की कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही इस पहल को कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में मजबूत कदम बताया है।
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