Singrauli Bypass : 350 करोड़ रुपए की लागत से जिले में बनेगा 20 किलोमीटर लंबा बाईपास,नो-एंट्री से मिलेगी निजात  - Nai Samachar

Singrauli Bypass : 350 करोड़ रुपए की लागत से जिले में बनेगा 20 किलोमीटर लंबा बाईपास,नो-एंट्री से मिलेगी निजात 

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Singrauli Bypass

Singrauli Bypass : शहर के अंदर चलने वाले भारी वाहनों के दबाव को कम करने के लिए वर्षों से बाईपास निर्माण कराए जाने की मांग की जा रही है। अभी तक बायपास निर्माण के लिए कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है। पिछली बार भेजे गये प्रस्ताव को कम करने का निर्देश देकर वापस कर दिया गया था। तब तक बायपास के निर्माण के लिए प्रपोजल तैयार करने, डीपीआर बनाने व बजट स्वीकृत कराने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई थी, लेकिन वर्षों गुजर जाने के बाद जब लोक निर्माण विभाग बायपास निर्माण से संबंधित किसी तरह की पहल नहीं कर पाया तो अब एमपीआरडीसी को बायपास निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एमपीआरडीसी द्वारा परसौना से यूपी बॉर्डर तक बायपास निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपए का बजट तैयार कर स्वीकृति के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया है। वित्त विभाग द्वारा अभी तक किसी तरह की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।

20 किलोमीटर लंबा बनना है बायपास

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शहर के अंदर बड़े लोडिंग वाहन न आएं, इसके लिए देवरी, परसौना होते हुए यूपी के तेलगवां बॉर्डर तक करीब 20 किलोमीटर लंबा बायपास का निर्माण किया जाना है। प्रस्तावित बायपास टू लेन का होगा। बायपास निर्माण के लिए अगर शासन से मंजूरी मिलती है तो बायपास बनाने के लिए कुछ जगहों पर सरकारी जमीने हैं तो कुछ जगहों पर निजी जमीनों का अधिग्रहण भी करना पड़ेगा, तभी बायपास का निर्माण हो पाएगा। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद बायपास निर्माण के लिए सर्वे का काम शुरु किया जाएगा। सर्वे में निजी, सरकारी, वनभूमि आदि का आकलन किया जाएगा।

बजट में शामिल कराने करनी होगी पहल

बायपास निर्माण के लिए भले ही 350 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर आगामी प्रमुख बजट में शामिल करने के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया गया हो, लेकिन वित्त विभाग प्रस्तुत किए जाने वाले बजट में सिंगरौली बायपास को शामिल करे, इसके लिए जिले के माननीयों को प्रयास करने होंगे। क्योंकि शासन स्तर पर जब तक प्रयास नहीं किया जाएगा, तब तक बजट मिलना संभव नहीं होगा और जैसे पिछले 15 साल से बायपास का निर्माण नहीं हो पा रहा है, उसी तरह से फिर प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

वर्तमान सीएम भी कर चुके हैं वायदा

शहर में बायपास निर्माण के लिए सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य कई बार प्रयास कर चुके हैं। उनके प्रयास के चलते पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायपास निर्माण कराने का वायदा किया था लेकिन वे वायदा पूरा नहीं कर पाए। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी वायदा किया है कि वैढ़न में बायपास का निर्माण कराया जाएगा। सीएम द्वारा किए गए वायदे को पूरा कराने के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों को बार-बार प्रयास करना होगा और याद दिलाना होगा कि बायपास का निर्माण किए जाने के लिए जो वायदा किया गया था, उसे पूरा किया जाए।

बायपास बनने से खत्म हो जायेगी नो-एंट्री

बायपास न होने से शहर के अंदर से भारी वाहनों की आवाजाही होती है। नो-एंट्री के दौरान ये सभी शहर की सीमा पर खड़े हो जाते हैं। जिसके कारण उनको भी समय का नुकसान झेलना पड़ता है। कई बार सड़क हादसे भी हो जाते हैं। बायपास बन जाने से न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी बल्कि दूसरे राज्यों से माल लेकर जो लोडिंग वाहन आते हैं, उनको शहर के बाहर घंटों खड़े होकर नो एंट्री खुलने का इंतजार करना पड़ता है। उससे वाहन चालकों को राहत मिल जाएगी। वहीं शहरवासियों को भी सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों से निजात मिल जाएगी। इसके साथ-साथ शहर में सड़क हादसे भी कम होंगे क्योंकि अधिकतर हादसे भारी वाहनों की वजह से ही होते हैं.

बायपास बनने से खत्म हो जायेगी नो-एंट्री

बायपास न होने से शहर के अंदर से भारी वाहनों की आवाजाही होती है। नो-एंट्री के दौरान ये सभी शहर की सीमा पर खड़े हो जाते हैं। जिसके कारण उनको भी समय का नुकसान झेलना पड़ता है। कई बार सड़क हादसे भी हो जाते हैं। बायपास बन जाने से न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी बल्कि दूसरे राज्यों से माल लेकर जो लोडिंग वाहन आते हैं, उनको शहर के बाहर घंटों खड़े होकर नो एंट्री खुलने का इंतजार करना पड़ता है। उससे वाहन चालकों को राहत मिल जाएगी। वहीं शहरवासियों को भी सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों से निजात मिल जाएगी।

क्यों जरूरी है बायपास?

शहर का दिन प्रतिदिन विस्तार हो रहा है। शहर के अंदर ट्रैफिक बढ़ रहा है। शहर से लगे एनटीपीसी, एनसीएल व अन्य निजी कंपनियां और पावर प्लांट स्थित हैं। इन पावर प्लांटों से निकलने वाले राखड़ का परिवहन किया जाता है। राखड़ लोड वाहनों को निकलने के लिए कोई दूसरा मार्ग न होने से ये वाहन शहर के अंदर से निकलते हैं। राखड़ लोड वाहनों के शहर की सड़कों पर चलने से प्रदूषण फैलता है, जिससे शहरवासियों को परेशानी उठानी पड़ती है। हैवी वाहनों के निकलने के लिए बायपास न होने से दिन रात हैवी वाहन शहर के अंदर से गुजरते हैं।

इनका कहना है

बायपास निर्माण के लिए एमपीआरडीसी के माध्यम से 350 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग के पास प्रमुख बजट में शामिल किए जाने के लिए भेजा गया है। कोशिश की जा रही है कि बायपास के प्रस्ताव को शासन बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करे ताकि बायपास की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जा सके।

चंद्रशेखर शुक्ला,कलेक्टर

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