Singrauli News : एजुकेशन कोर के फौजी ने बेटी को बनाया डॉक्टर और बेटे को इंजीनियर

By Nai Samachar

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Singrauli News : देश की सैन्य सेवाओं में सेवाएं देते सिर्फ देश के लिए ही बल्कि अपने परिवार, समाज और शेष जीवन के लिए एक अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की जा सकती है। सैन्य सेवाओं में भी भर्ती के लिए के बाद भी योग्यता के मुताबिक कार्य और पद मिलने की पूरी संभावना रहती है। यहीं पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है। आर्मी में व्यक्तित्व और शैक्षिक योग्यता एक उच्च मापदंड होता है। जिसके अनुसार कार्य करने का अवसर मिलता है। आर्मी एजुकेशन कोर से फोरमैन के पद से सेवानिवृत हुए फैजान अहमद भी उनमें से एक हैं। जिन्होंने तो आर्मी ज्वाइन करने से पहले ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया और सेवाएं देते हुए सैनिक स्कूलों में अच्छी शिक्षा की व्यवस्था में दिलोजान से लगे रहे। उन्होंने अपनी बेटी फलक फैजान को डॉक्टर बनाया, बेटे फहद फैजान को इंजीनियरिंग करायी। आज भी वे सारे जहां के बच्चों को मुकम्मल तालीम देने के मकसद से काम कर रहे हैं। देश की सेवा और उच्च शिक्षा से अपने जीवन को आगे बढ़ाने वाले फैजान एक सैनिक के रूप में ही नहीं बल्कि एक मेंटर और मोटिवेटर के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

आर्मी में जाने की पूरी की तमन्ना अपनी प्रारम्भिक शिक्षा

मोरवा के प्राथमिक पाठशाला से पूरी करने के बाद 12 तक हायर सेकेंड्री स्कूल मोरवा में फैजान ने पढ़ाई की और शासकीय महाविद्यालय वैढ़न से बीए किया। एमए समाजशास्त्र करने के दौरान कद-काठी दुरूस्त होने की वजह से 1991 में उन्हें आर्मी एजुकेशन कोर में भर्ती होने का मौका मिला। फैजान के पिता स्व. मो. सलीम जब सिंगरौली आए कपड़े का व्यवसाय शुरू किया था। तीन बच्चों की परवरिश के लिए दुकान ही सहारा थी। बड़ा बेटा इरफान केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ रहा था तो फैजान और छोटे एहसान ने भी सरकारी स्कूल से ही पढ़ाई की। फैजान को आर्मी ज्वाइन करने के बाद एजुकेशन कोर पचमढ़ी में ट्रेनिंग करने के साथ पोस्टिंग मिली।

पत्नी ने निभाई जिम्मेदारी

दोनों बच्चों की अच्छी तालीम को लेकर पत्नी शाहिदा परवीन को श्रेय देते हुए फैजान बताते है कि वे ड्यूटी में सभी को समान शिक्षा व अन्य सेवाओं में लगे रहे। समाजशास्त्र से परास्नातक होने से उन्हें हर किसी की मदद करना अच्छा लगता था मगर शाहिदा हमेशा बच्चों को पढ़ाने बैठाती रहीं। उन्हें सिखाती रहीं कि पढ़ाई से सब कुछ जीता जा सकता है। अपनी उस पीढ़ी के संघर्षों से रूबरू कराया जब सब कुछ बहुत कठिन था। भले ही उन्हें सैलेब्स के बारे में जानकारी नहीं रही हो लेकिन समय की पाबंदी व पढ़ाई के प्रति रुचि बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बेटी ने नीट क्वालीफाई कर बढ़ाया हौसला

पिता ने आर्मी में और मां ने कुशल गृहणी की भूमिका निभाई तो बेटी फलक फैजान ने आर्मी स्कूल दिल्ली से 12वीं के बाद नीट पास कर ली। 2023 में एमबीबीएस के बाद इसी वर्ष राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज दिल्ली में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश पा लिया है। फलक एनेस्थीसिया की विधा में विशेषज्ञता हासिल करेंगी।

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