Singrauli News : कुछ महीनों पूर्व सिंगरौली से वाया प्रयागराज टनकपुर को चलने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस के कोच बदलकर उनमें गुणात्मक सुधार किया गया है। थर्ड एसी के स्थान पर इकोनॉमी कोच जोड़कर यात्रा को और भी सुखद बनाने का प्रयास हुआ है लेकिन त्रिवेणी एक्सप्रेस की देखरेख और यात्रा के दौरान सुविधाएं प्रदान करने वाली एजेंसी की कार्यप्रणाली से नये नवेले कोचों की दुर्दशा होना शुरू हो गयी है।
इस ट्रेन को हालत सुधारने के साथ ही साथ टाइमिंग में भी सुधार हुआ है। दोनो तरफ से ट्रेन सही समय पर पहुंचती है। कोच के अंदर लगे कई उपकरणों के कार्य नहीं करने, पानी नहीं होने, कूड़ेदानों को समय से खाली नहीं किये जाने और कई सुविधाओं के अभाव में यात्री क्षुब्ध हैं। सिंगरौली रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म पर्याप्त लंबा होने के बावजूद त्रिवेणी एक्सप्रेस के एम-6, एम-7 कोच सहित लगभग 3 कोच को प्लेटफार्म को छोड़कर आगे खड़ा किया जा रहा है।
इन कोचों और आखिरी कोच के स्टॉफ को वहां तक पहुंचने के लिए रेलवे ट्रैक होकर जाना पड़ रहा है। जबकि इसी वर्ष प्लेटफार्म एक की 100 मीटर तक लंबाई बढ़ाकर यहां से होकर गुजरने वाली अथवा चलने वाली यात्री ट्रेन को सुव्यवस्थित किया गया है। फिर त्रिवेणी के चालक के द्वारा की जा रही लापरवाही और यात्रियों को खतरे में डालने का प्रयास क्यों किया जा रहा है?
आरक्षित कोच में अनारक्षित यात्री
त्रिवेणी एक्सप्रेस के एसी, स्लीपर सहित सभी श्रेणी के कोच में अनारक्षित टिकट वाले यात्रियों की घुसपैठ बनी हुई है। टीटीई के निरीक्षण उपरांत भी पूरी रात ऐसे यात्री जो सामान्य श्रेणी का टिकट लेकर यात्रा करते रहते हैं। सिंगरौली, चोपन से प्रयागराज तक यह स्थिति सामान्य है, जिसकी वजह से यात्री अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करने के लिए बाध्य है। किसी कोच में सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं है। सब कुछ यात्रियों को बेडरोल, क्लीनिंग व अन्य प्रकार की सुविधाएं देने वाले कर्मचारियों पर निर्भर है।
कई कोचों में नही रहता है पानी
यात्रियों ने शिकायत करते हुए बताया कि स्लीपर कोचों में पानी नहीं रहता है। बीते दिन ही सिंगरौली से चलने के बाद चोपन तक भी पानी की उपलब्धता नहीं रही। यात्रियों का कहना था कि संभवतः चोपन में वॉटरिंग करने की वजह से पानी न हो लेकिन चोपन से आगे पहुंचने के बाद भी प्रयागराज तक कोच में पानी नहीं रहा। इस ट्रेन का रखरखाव सही ढंग से नहीं किए जाने के कारण इस प्रकार की अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं।
कोच के अंदर खुले पड़े हैं पावर प्वाइंट
रेलवे के द्वारा हर सुविधा के लिए शुल्क लिए जाते हैं। इसके बावजूद यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। कोच के अंदर प्रत्येक बर्थ पर लाइट, चार्जिंग व अन्य प्रकार की इलेक्ट्रिकल वायरिंग के लिए कोच में लगे पावर प्वाइंट व कनेक्शन बॉक्स खुले पड़े हुए हैं वह भी ठीक दरवाजे के पास जहां से यात्री उतरते और चढ़ते समय अपना व अपने लोगों के साथ सामान का ध्यान रखता है। न कि ऐसे जोखिम भरे प्वाइंट्स के बारे में जान पाता है। रेल प्रबंधन लापरवाही के कारण हो रही समस्या को नजरअंदाज करने की बजाय सुधार करे।
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