Singrauli News : रेलमंत्री जी, मैं सहायक लोको पायलट अंजलि हूँ। अपने लोको पायलट के साथ मेरी भी लोको इंजन में 10 घंटे की ड्यूटी रहती है। जिस लोको कैब में हम ड्यूटी करते रते हैं, उसमें टायलेट नहीं है, टायलेट तो दूर यूरिनल तक नहीं है। पीरियड्स हो या प्रेग्नेंसी, अवकाश मिलने में अधिकारी दौड़ाते हैं। क्रू-लॉबी में भी हमारे लिए रेस्ट रूम नहीं है। हम कैसे ड्यूटी करते होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह कहना था एसईआर की सहायक लोको पायलट अंजली कुमारी का। जो बुधवार को रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से अपनी बात रख रही थीं। जिसे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोको पायलट्स के संगठन अलरसा के प्रतिनिधि मंडल में बतौर सदस्य दिल्ली बुलाया था।
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ अलरसा के प्रतिनिधि मंडल में शामिल अलरसा से जनरल सेक्रेटरी एके राउत, एसपी सिंह, आरके राणा, पदम सिंह और एसईआर की एएलपी अंजली कुमारी ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से बातचीत में हिस्सा लिया था। अंजली कुमारी ने बताया कि टायलेट्स, यूरिनल और कैब में एसी खराब होने पर ठीक कराने के लिए लोको शेड में आग्रह जब करती हैं तो मैकेनिक और लोको शेड के अधिकारी फंड नहीं होने का रोना रोने लगते हैं।
रेलमंत्री ने पर्याप्त व्यवस्था करने दिया आश्वासन
रेल मंत्री ने कहा कि मैं इस समस्या को फौरन दूर करने के लिए फंड और स्टॉफ दोनों की पर्याप्त व्यवस्था कर रहा हूँ। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे। रनिंग स्टॉफ के प्रतिनिधि मंडल ने अपने ड्यूटी ऑवर्स, हेडक्वार्टर रेस्ट, पीआर, लोको कैब एसी, कैमरा आदि पर गंभीरता से मांग रखी। बताया कि हमारी ड्यूटी की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं। कई अन्य डिवाइसेस की जानकारी देते हुए उनकी हर गतिविधि को रिकार्ड किया जाता है लेकिन जो बुनियादी सुविधाएं उन्हें मिलनी ही चाहिए, उन पर अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रेल के इंजन में टायलेट न होना शर्मनाक
जिस प्रकार महिला सहायक लोको पायलट ने रेलमंत्री से ड्यूटी के दौरान होने वाली समस्याओं को रखा, यह काफी संवेदनशीन मुद्दा है। रनिंग स्टॉफ लगातार इस मांग को दशकों से बुलंद करते आए हैं लेकिन यह पहली बार था, जब किसी जमीनी स्तर के कर्मचारी ने सीधे रेलमंत्री से इस समस्या को बताया है। भारतीय रेल ने वंदे भारत से लेकर हवा में बात करने वाली ट्रेनें चलाकर रिकार्ड कायम कर रहा है। लेकिन ट्रेनों में मूलभूत सुविधाएं को उपलब्ध कराने के लिए रेलवे का आगे नहीं आना काफी शर्मनाक है।