Singrauli Samachar : सिंगरौली सहित प्रदेश के 55 जिलों में 14 जुलाई से शुरू होने जा रहे प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस से उच्च शिक्षा के उन्नयन की राह खुलेगी। पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ का राज्यस्तरीय मुख्य कार्यक्रम इंदौर जिले के अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ व हिंदी ग्रंथ अकादमी के विद्यार्थी पुस्तक केंद्र का शुभारंभ भी होगा। इसके अलावा विद्या वन की स्थापना कर पौधरोपण किया जाएगा.
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ की तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई हैं। वहीं कॉलेज के लिए प्राचार्य सहित प्राध्यापक, सह प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापकों के चयन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी बुधवार से शुरू हो जाएगी। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 जुलाई तय की गई है।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ के साथ जिले में उच्च शिक्षा के गुणवत्ता उन्नयन का दौर शुरू हो जाएगा। इसमें सभी शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति होगी तो लैब से लेकर अन्य बुनियादी व्यवस्थाएं व संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस क्रम में प्रदेश की पहली एआई लैब भी सिंगरौली जिले के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित की गई है। इसके अलावा समृद्ध लाइब्रेरी के साथ पचास कम्प्यूटर के साथ लैब के साथ फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायो व बॉटनी की प्रयोगशालाओं में नए उपकरण भी आए हैं। पीएम श्री कॉलेज में अनुसंधान पर भी जोर दिया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे।
भविष्य में ऑटोनामस बनाने की योजना
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में स्नातक व परास्नातक में सभी विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। वहीं रोजगारपरक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं। अध्ययन-अध्यापन की पूरी व्यवस्था नई शिक्षा नीति के अंतर्गत होनी है। बताया जा रहा कि आगे चलकर इसे ऑटोनामस बनाया जाएगा। इससे कॉलेज पाठ्यक्रम निर्धारण, पेपर निर्माण, परीक्षा आदि लेने के लिए स्वतंत्र होगा। शैक्षणिक-अशैक्षणिक वर्ग के आवास बनाए जाएंगे तो हॉस्टल भी बनाया जाएगा। छात्र-छात्राओं के परिवहन के लिए बस सुविधा भी शुरू की गई है। आगे इसमें बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे सभी रूटों के छात्रों को सहूलियत हो .
शैक्षणिक वर्ग के चयन के कड़े मापदंड
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के शैक्षणिक वर्ग के चयन के मापदंड भी कड़े हैं। प्राचार्य पद के लिए आवेदन वही कर सकेंगे जो प्राध्यापक हैं। वहीं प्राध्यापक व सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक के लिए शासकीय कॉलेज में कार्यरत होना अनिवार्य है। प्राचार्य पद के लिए पीएचडी तो अन्य के लिए नेट, स्लेट, पीएचडी योग्यता तय है। प्राचार्य, प्राध्यापक व सह प्राध्यापक के लिए दस वर्ष व सहायक प्राध्यापक के लिए पांच वर्ष का अध्यापन अनुभव होना जरूरी है। इसके अलावा 5 वर्षों की गोपनीय चरित्रावली के आधार पर निर्धारित स्कोर अर्जित करना होगा।
प्राचार्य के लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी
यूजीसी केयर लिस्ट के जर्नल में न्यूनत पांच शोधपत्र भी प्रकाशित होने चाहिए। प्राचार्य पद के लिए एमएस वर्ड, एक्सेल और पावर प्वाइंट पर कार्य करने का अनुभव भी जरूरी है। इसके साथ ही कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही, मसलन विभागीय जांच, ईओडब्ल्यू प्रकरण या अन्य कोई शिकायत प्रचलन में न हो या दोषी पाया गया हो। जिस कॉलेज के लिए आवेदन किया गया हो उसके विकास के लिए विजन, मिशन व लक्ष्य के साथ लगभग 500 शब्दों में कार्य योजना भी प्रस्तुत करनी होगी। प्राचार्य व अन्य का सेलेक्शन चयन समिति करेगी। चयन के लिए छह बिंदुओं को मिलाकर 100 अंक निर्धारित किए गए हैं। वहीं आवेदन का लिंक उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।
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