Singrauli News : प्रदेश की सीमा खनहना में बनी वन विभाग की जांच चौकी में अब आरटीओ का बैरियर उपयोग में लाया जा रहा है। वह भी कोयला लेकर उप्र प्रदेश जाने वाले कोयले के ट्रकों के कागजों की जांच पड़ताल के लिए। जिसके लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाता है, वह भी खदान से दी गई पर्ची में सील मुहर लगाने के लिए लेकिन परिवहन विभाग का बैरियर शासन के द्वारा हटा दिए जाने के बाद से यहां पर बेजा वसूली की शिकायतें आ रही हैं। ट्रक चालकों का कहना है कि बैरियर पर उन्हें रोका जाता है और कागजात की जांच-पड़ताल के नाम पर टाइमिंग पर ध्यान देकर चकमा दिया जाता है। पहले गाड़ी के लोड के मुताबिक मांग की जाती है और नहीं दिए जाने पर कागजों को जिस खदान से कोयला लोडिंग की गई है, वहां पर जांच के लिए भेजने का हवाला दिया जाता है क्योंकि यदि ऐसा किया गया तो गाड़ी कई दिन तक उसी स्थान पर खड़ी रह सकती है। यह अधिकतर सुलियरी से कोयला लेकर गिरीडीह, पारसनाथ और बिहार के अन्य शहरों को जाने वाले कोयला लोड लांग व्हीकल के साथ किया जाता है।
मोटी रकम की करते हैं मांग
वन विभाग के चक्कर में फंसने या कई दिन तक गाड़ी खड़ी रखने के नुकसान से बचने के लिए चालक अपने डीओ होल्डर्स अथवा कोयला क्रेताओं को इसकी जानकारी देकर वहां पर होने वाली मोटी रकम की मांग करते हैं। जिसे अदा करने के बाद खनहना से उप्र की सीमा में प्रवेश करते हैं और यदि सुविधा शुल्क नहीं चुकाते हैं तो उन्हें वन विभाग की एनओसी व सीमा से प्रवेश के कागजात दुरूस्त नहीं हो पाते हैं।
अधिकारियों की संलिप्तता
कोयले का कारोबार करने वाले व्यवसाइयों का कहना है कि इस प्रकार की वसूली में वन विभाग के अफसरों की संलिप्तता है वर्ना एनएच में बैरियर लगाकर वसूली करना कोई आम बात नहीं है। जहां पर स्पीड ब्रेकर नहीं बनाया जा सकता है, वहां पर बैरियर से ट्रक रोके जाते हैं। डीएफओ और जिला कलेक्टर मामले को संज्ञान में लेकर समस्या का निदान कर सकते हैं वरना दिन-प्रतिदिन वन विभाग का यह बैरियर सबसे अधिक वसूली करने वाला बैरियर बनता जा रहा है।
रात में होती है दबंगई
रात के दौरान बैरियर में दबंगई पूर्वक वसूली की जाती है। जिसको लेकर चिंता जताई जा रही है कि कहीं कोई अप्रिय घटना सामने न आ जाए। क्योंकि परिवहन वैरियर हटने के बाद से सुरक्षा पुलिस कर्मी भी मौजूद नहीं रहते हैं और कई बार जाम की स्थितियां भी निर्मित हो जाती हैं। वैसे भी इस स्थान पर टू- लेन मुश्किल से चालू है, जिससे वाहन आते- जाते हैं, बाकी का टू-लेन बड़े-बड़े बोल्डर्स में तब्दील है।
अब तक नहीं शुरू हुई पुलिस बूथ
खनहना बार्डर में सुरक्षा की दृष्टिकोण से एक दशक पहले मोरवा थाना क्षेत्र के खनहना में पुलिस बूथ चौकी की तरह बनाया गया था। जिसमें अब तक एक भी पुलिस कर्मी तैनात नहीं किया गया है। बनने के बाद अब तक खंडहर में तब्दील हो चुके भवन का उपयोग तक नहीं किया जा सका है। सीमा में सुरक्षा को लेकर पुलिस बूथ का संचालन किया जाने की मांग स्थानीय चुरकी, चतरी और खनहना सहित आसपास के लोगों के द्वारा की गई है।