सिंगरौली न्यूज़ : जिले में डायरिया कहर बरपा रहा है। दो सप्ताह के भीतर पांच लोगों की मौत हो गई है। पहले सिंगाही, फिर खम्हरिया कला और अब सुकहर में डायरिया पीड़ित युवक ने दम तोड़ दिया है। वहीं गांव में दर्जनभर से अधिक लोग उल्टी- दस्त से पीड़ित है। गांवों में दूषित पानी लोगों को बीमार कर रहा है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के – अधिकारी उदासीन बने है। सुकहर गांव में मुकुंद लाल पनिका पिता रामकृष्ण पनिका को देर रात उल्टी दस्त शुरू हुआ। जिससे युवक बेहोशी हालत में हो गया और सोमवार की तड़के सुबह उसकी मौत हो गई। मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची और बीमार दर्जनभर लोगों को हिप चढ़ाकर दवाएं दी है। मगर डायरिया का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभावित गांवों में उल्टी-दस्त से संक्रमित मरीजों की तलाश की जा रही है।
दूषित पानी कर रहा बीमार
गांवों में लोग कुएं का पानी पी रहे हैं। बरसाती सीजन में कुएं का पानी दूषित हो गया है। पानी में डालने के लिए ब्लीचिंग पाउडर व क्लोरीन की दवा का वितरण नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पानी पीने को नहीं मिल रहा है। मौतें होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला सक्रिय हुआ है। इसके बाद गांवों में उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
अस्पताल में पहुंच रहे दो सौ से अधिक पीड़ित
जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर की ओपीडी 850 से अधिक पहुंच रही है। जहां औसतन 230 मरीज डायरिया से पीड़ित रहते हैं। इनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। चिकित्सक उन्हें एहतियात बरतने का परामर्श दे रहे हैं। वहीं पानी उबालकर पीने की सलाह मरीजों को दी जा रही है। साथ ही बासी भोजन से परहेज करने का परामर्श चिकित्सक मरीजों को दे रहे हैं।
प्रभावित लोगों का किया जा रहा उपचार
चितरंगी बीएमओ डॉ. एचएस वैश्य ने कहा कि जहां भी डायरिया के केस बढ़ रहे हैं। उन गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाकर प्रभावित अन्य लोगों की तलाश कर उपचार कर रही है। जिससे डायरिया का संक्रमण फैलने से रोका जा सके। बीते रविवार को खम्हरिया कला गांव के बाद सुकहर गांव में डायरिया से पीड़ित एक युवक की मौत हो गई है। मैदानी अमला सक्रिय होकर मरीजों का उपचार कर रहा है।
डायरिया से पीड़ितों की तलाश करे मैदानी अमला
बरसात के मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारी डायरिया के रोकथम के लिए प्रभावित लोगों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला को घर-घर सर्वे करें। पीड़ितों को तत्काल उपचार मुहैया कराएं। कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदूषित पानी से फैल रही बीमारियों को मद्देनजर सभी उपखंड अधिकारी, जनपद पंचायत के सीइओ एवं सामुदायिक स्वस्थ केंद्र का मैदानी अमला के साथ सचिव, रोजगार सहायक व पटवारी प्रदूषित जल स्त्रोतों को चिह्नित करें।