Singrauli News : जिले में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नये प्रयास किए जाने चाहिए। कई बार ऐसी परिस्थितियां होती हैं जिससे बड़ा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। मौजूदा समय में जिले में एक डाटा सेंटर को स्थापित किया जा सकता है। कम क्षमता का ही सही लेकिन डाटा सेंटर के जरिए हजारों युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है। सिंगरौली से होकर भी मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी की डार्क फायबर लाइन पर 5जी इंटरनेट दौड़ेगा। प्रदेश के बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर में डाटा सेंटर बनाने के लिए कंपनियां मन बना रही हैं। इसके लिए देश की नामी टेलीकाम कंपनियों ने लाइन लीज पर लेकर इंटरनेट की रफ्तार को तेज करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अब डाटा सेंटर बनाने की तैयारी हो रही है। कंपनियां मप्र के अन्य जिलों में जगह तलाश रही है। यदि ऐसा हुआ तो दो हजार से भी अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। होंगे। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि ऊर्जाधानी कहे जाने वाली सिंगरौली में डाटा सेंटर के लिए उपयुक्त जगह है। जिले में मैन पावर ही नहीं जमीन भी उपलब्ध है, जहां पर डाटा सेंटर स्थापित किया जा सकता है। यदि डाटा सेंटर वालों का एमपी ट्रांसको से कोई टाईअप होता है तो उन्हें ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर की सुविधा बहुत नजदीक से मिल जाएगी।
दो-दो पेयर लीज पर लिये
बता दें कि 5जी इंटरनेट के जियो, एयरटेल, सिसी और कन्ड कम्युनिकेशन ने दो-दो पेयर डार्क फायबर लाइन लीज पर ली है। एक पेयर में दो डार्क फाइबर कंपनियों को मिले हैं. इनमें एक डेटा आने और दूसरा डेटा जाने में उपयोग होगा। बताया जाता है कि इंदौर में भी कनाडा की एक कंपनी डाटा सेंटर खोलने पर विचार कर रही है। लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने से इस डाटा सेंटर में करीब 1000 से 1200 के बीच प्रोफेशनल्स को रोजगार मिल सकेगा। यह कंपनी भी मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी से बात कर ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीडब्ल्यू) के माध्यम से डाटा संप्रेषण करने की कोशिश में है।
इसलिए भी उपयुक्त है डाटा सेंटर
सिंगरौली में यदि इस तरह का डाटा सेंटर खुलता है तो बड़े स्तर पर रोजगार पैदा होगा। आजकल समस्त विश्व में डाटा सेंटर की मांग बढ़ती जा रही है। यदि कोई कंपनी इन ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर के जरिए अपना व्यवसाय चलाएगी तो उसके पास विश्वसनीय और स्पीड दोनों उपलब्ध हो सकेंगे इसलिए अनेक कंपनियां इन ओपीजीडब्ल्यू की डार्क फाइबर की लीज पर लेने के लिए उत्सुक थी। दरअसल मध्य प्रदेश कई मामलों में डाटा सेंटर और कम्युनिकेशन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। भारत में किसी भी कोने में एक स्थान से दूसरे स्थान तक डाटा ले जाने में मध्य प्रदेश बीच में आयेगा और इसमें मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लाइनों का उपयोग किया जा सकता है .
कई राज्यों की सीमा पर है सिंगरौली
डाटा सेंटर के लिए सिंगरौली एक आदर्श स्थान इसलिए भी हो सकता है क्योंकि यह उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों की सीमा से जुड़ा है। बिहार, उड़ीसा के करीब है। डाटा सेंटर वालों का एमपी ट्रांसको से कोई टाईअप होता है तो उन्हें ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर की सुविधा मिल जाएगी। जिसमें उनकी एक और लागत कम होगी तो दूसरी ओर विश्वसनीयता और उपलब्धता कई गुना बढ़ जायेगी। जबलपुर, रीवा, सतना आदि के कॉलेजों से आईटी और कम्प्यूटर में पारंगत कई विश्व स्तरीय छात्र मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, चेत्रई, हैदराबाद जैसी जगह पर जॉब कर रहे हैं। इस तरह की कुछ संभावनाएं पैदा हो तो अनेक युवा वापस लौटकर अपना योगदान प्रदेश व जिले के लिए कर सकते हैं।
इनका कहना है
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने ओपीजीडब्ल्यू के चार पेयर लीज पर दिये हैं। मध्यप्रदेश में डाटा सेंटर की स्थापना के लिए अलग से डार्क फाइबर के पेयर लीज पर लेने के लिए अभी किसी कंपनी ने प्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं किया है। प्रदेश में करो उद्योगों की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी का रुख हमेशा से सकारात्मक रहा है। इंजी. सुनील तिवारी, एमडी मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी