सिंगरौली समाचार : नकली सील-साइन से फर्जी आदेश बनाने वाले नटवरलालों पर मामला दर्ज,जमीन से संबंधित मामले में किया था फर्जीवाड़ा - Nai Samachar

सिंगरौली समाचार : नकली सील-साइन से फर्जी आदेश बनाने वाले नटवरलालों पर मामला दर्ज,जमीन से संबंधित मामले में किया था फर्जीवाड़ा

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सिंगरौली समाचार

सिंगरौली समाचार : एसडीएम कार्यालय में जमीन से संबंधित एक मामले में एसडीएम के फर्जी साइन और सील बनाकर सरकारी रिकार्ड हेरफेर करने वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। एसडीएम सदर सृजन वर्मा ने बताया कि उनके फर्जी सील साइन बनाने वाले अधिवक्ता सुरेंद्र बहादुर सिंह, रामबाबू वैश्य और दलाल राघवेंद्र गुप्ता उर्फ अशोक गुप्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कराया गया है। गौरतलब है कि वैढ़न जमुआ में स्थित अनीता शाह पति महेंद्र शाह की जमीन का आरोपियों ने फर्जी ऑर्डर शीट बनाकर अंतिम आदेश पारित कर दिया था। जबकि एसडीएम द्वारा जमीन से संबंधित किसी तरह का आदेश दिया ही नहीं गया था। इस मामले में जमीन के फर्जी आदेश बनाने में कहीं न कहीं एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों की संलिप्तता भी चर्चा का विषय बनी हुई है लेकिन किसी भी कर्मचारी का नाम एफआईआर में नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल पूरा मामला सिंगरौली तहसील के तहत आने वाले जमुआ गांव में स्थित अनीता शाह की जमीन का है। जमुआ में स्थित खसरा नंबर 715/1 रकबा 0.1780 में से 0.0225 हेक्टेयर पंजीकृत बैनामा से क्रेता रामबाबू वैश्य निवासी लक्ष्मी मार्केट जयंत को 12 लाख रुपए में विक्रय किया था लेकिन पैसों का पूरा भुगतान न होने के कारण पूर्व में तहसीलदार के न्यायालय में उनके द्वारा नामांतरण न करने की आपत्ति लगाई गयी थी। जिसमें नामांतरण न करने का आदेश किया गया था। नामांतण न करने की अपील रामबाबू द्वारा एसडीएम कार्यालय में की गई। अपील में एसडीएम द्वारा किसी तरह का निर्णय नहीं दिया गया बल्कि निर्णय करने के लिए मामले को 2 अगस्त की तिथि नियत की थी। इसी बीच नटवरलालों ने मिलकर एसडीएम का फर्जी आदेश बनाया और एसडीएम के फर्जी सील साइन लगाकर आदेश पारित कर लिया और रिकार्ड भी दुरुस्त करवा लिये। रिकार्ड दुरुस्त कराए जाने की जानकारी महिला अनीता शाह को जब पता चली, तब पूरा मामले की असलियत सामने आई।

इन पर दर्ज हुआ फर्जीवाडे का मामला

पुलिस ने बताया कि एसडीएम सूजन वर्मा की शिकायत पर जमीन के मामले में फर्जीवाड़ा करने पर एड. सुरेंद्र बहादुर सिंह, रामबाबू वैश्य, राघवेंद्र गुप्ता के खिलाफ धारा 318( 318(4), 336(2), 338, 336(3), 340 (2), 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही हैं, जल्द ही सभी की गिरफ्तारी की जाएगी। एसडीएम सृजन वर्मा ने बताया कि तहसील और एसडीएम कार्यालय के किसी कर्मचारी की संलिप्तता होगी तो पुलिस जांच में सामने आएगी और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

कर्मचारियों का किया गया बचाव

एसडीएम कार्यालय से जमीन के नामांतरण से संबंधित जो भी आवेदन आते हैं और आवेदनों पर आदेश पारित किया जाता है, वह आदेश नियमानुसार लोक सेवा केंद्र के माध्यम से सरकारी रिकार्ड में प्रविष्ट कराया जाता है। मूल केस की पूरी कॉपी जब तक नहीं भेजी जाती है, तब तक नकल नहीं दी जाती है, लेकिन इस लेकिन इस मामले में कार्यालय के संबंधित कर्मचारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया है। कर्मचारियों द्वारा अगर नियमों का पालन किया गया होता तो इतना बड़ा फर्जीवाड़ा किया ही नहीं जा सकता है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में अगर कर्मचारियों को आरोपी बनवाया जाता तो एसडीएम कार्यालय के कई अधिकारी और कर्मचारियों की असलियत सामने आ जाती। यही वजह है कि किसी कर्मचारी को फर्जीवाड़े में दोषी नहीं बनाया गया है.

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