Singrauli News : एक समय था जब देश के अधिकांश ग्रामीण हिस्सों में दिनभर में 4-6 घंटे भी बिजली मिलना मुश्किल हुआ करता था, लेकिन बदलते दौर के साथ देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के मामले में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। जिसका नतीजा ये है कि आज देश के अधिकांश क्षेत्रों को निर्बाध बिजली आपूर्ति होने लगी है। देश की ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाने में देश के विभिन्न चुनिंदा क्षेत्रों की तरह ऊर्जाधानी सिंगरौली भी अहम भूमिका निभा रहा है।
दरअसल, ऊर्जाधानी सिंगरौली परिक्षेत्र 48 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने के साथ ओपन कोल माइंस से कोयले का प्रचुर खनन कर बिजलीघरों को नियमित आपूर्ति कर रहा है। अहम बात ये है कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ ऊर्जाधानी सिंगरौली अब वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता की भी तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है। इसमें खासकर एनसीएल और एनटीपीसी के द्वारा नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास भी इस दिशा में एक बड़े कदम माने जा रहे हैं।
वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस है क्या?
वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस हर साल 10 जुलाई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को गैर नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ और अधिक लचीली ऊर्जा प्रणालियों की ओर बढने के महत्व के बारे में याद दिलाता है।
ऊर्जा से जुड़े पहलुओं को ऐसे समझें
पर्यावरण संरक्षण ऊर्जा के स्वतंत्र स्रोत जैसे सौर, पवन, जल और भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करके, हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम कर सकते हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। सुरक्षित और स्थायी ऊर्जा- स्वतंत्र ऊर्जा स्त्रोत अधिक सुरक्षित और स्थायी होते हैं। वे हमें ऊर्जा के स्थायी स्रोत प्रदान करते हैं जो समाप्त नहीं होते। आर्थिक स्वतंत्रता ऊर्जा स्वतंत्रता के माध्यम से देशों को ऊर्जा के लिए बाहरी देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इससे आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा मिलती है।
ऊर्जा की सुलभता – स्वतंत्र ऊर्जा स्रोतों का विकास और उपयोग ऊर्जा की सुलभता को बढ़ाता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों की पहुंच नहीं है।
ऐसे समझें ऊर्जाधानी में चल रहे प्रयासों को
दरअसल, वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस मनाने का उद्देश्य ऊर्जा के स्वतंत्र और नवीकरणीय स्रोतों के महत्व को समझाना और उनके उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि हम एक अधिक स्थायी और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकें। एनसीएल अपनी जमीन के साथ ही शासकीय व अन्य खाली भूमियों के साथ विशालकाय रिहंद जलाशय में सोलर प्लांट स्थापित कर रहा है तो एनटीपीसी हाइड्रो पावर के जरिए इस दिशा में पहले से ही योगदान दे रहा है। इन प्रयासों से ये संस्थान ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए पारंपरिक ऊर्जा श्रोतों पर निर्भरता कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
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