Singrauli Underground Mining : कोयले की खुली खदानों के लिए प्रसिद्ध ऊर्जाधानी में जल्द ही अंडरग्राउंड (भूमिगत) कोल माइनिंग भी शुरू होगी। वैसे ये बात तो काफी पहले से ही तय थी, लेकिन अब यहां अंडरग्राउंड कोल माइनिंग के लिए तीन कोयला ब्लॉकों का नाम कोयला मंत्रालय की नीलामी की प्रक्रिया में सामने आया है, जिससे ऊर्जाधानी में भूमिगत कोल ब्लॉकों के संचालन की संभावना प्रबल हो गई है। ये नीलामी गत 21 जून को जारी की गई। जिसमें 61 कोल ब्लॉकों के नाम शामिल हैं। इसमें मुख्यतः दो एक्ट की खदानें हैं, जिसमें कुछ सीएमएसपी यानी पूंजी बाजार सेवा प्रदाता व एमएमडीआर यानी खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) हैं। जानकारी के अनुसार, ये तीनों निजी भूमिगत कोल ब्लॉक हैं। जिसमें दो भूमिगत कोल ब्लॉक सरई ईस्ट (नार्थ) व सरई ईस्ट (साउथ) हैं और तीसरी भूमिगत कोयला खदान सरई वेस्ट के नाम से है। वहीं, इस नीलामी में कई नये कोल ब्लॉक और कुछ कोल ब्लॉक को पुनः नीलामी में शामिल किया गया है।
सिंगरौली में पहली बार अंडरग्राउंड माइनिंग
अहम बात ये भी है कि अभी तक सिंगरौली जिले में एनसीएल से लेकर रिलायंस, एपीएमडीसी आदि सभी की कोयला खदानें ओपन कास्ट (खुली कोयला खदाने) ही हैं। ऐसे में नीलामी के लिए सरई क्षेत्र तरफ की जिन तीन कोयला खदानों को नाम सामने आया है वह सभी भूमिगत बतायी जा रही हैं और ऐसे में सिंगरौली जिले ही पहली भूमिगत कोयला खदानें भी हैं।
जिले के ये कोल ब्लॉक नीलामी में शामिल
कोयला मंत्रालय द्वारा कोल ब्लॉकों की गई इस नीलामी में 5 कोल ब्लॉकों की एक अलग लिस्ट में सिंगरौली जिले के एक और कोल ब्लॉक डोगरी ताल-2 का भी नाम शामिल है। दरअसल, बताया ये जा रहा है कि डोगरी ताल-।। कोल ब्लॉक की नीलामी पहले भी एक से अधिक बार हो चुकी है। कुछ साल पहले ही हुई इसकी नीलामी में इसे महावीर कोल को आवंटित किया गया था, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि आवंटन के बाद भी संभवतः आवंटित फर्म ने इसे लेने के लिए आगे की प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया, जिससे आवंटन ही आगे नहीं बढ़ सका और इसलिए अब फिर से इसे नीलामी की प्रक्रिया में शामिल किया गया है। वहीं, डोगरी ताल-2 का आवंटन न हो पाने के पीछे के कारण तो स्पष्ट नहीं हैं लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि इस कोल ब्लॉक के कुछ हिस्से में भूमिगत व कुछ हिस्से में खुली कोयले की खदान है। ऐसे में शायद यही कारण है कि दो प्रकार के नेचर की खदानों का संचालन करने संभवतः लोग हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।
एक नजर इन भूमिगत खदानों पर
सरई ईस्ट इस कोल ब्लॉक की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इस कोल ब्लॉक के दायरे में सरई तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सरई, कोनी व समुद हैं। यहां पास से ही रीवा-रांची एनएच-75 (वाय परसौना- रजमिलान) गुजरता है। यहां से सरई ग्राम रेलवे स्टेशन करीब एक किमी की दूरी पर है। ये क्षेत्र मुहेर सब-बेसिन व मेन-बेसिन के सीमा में है। इस ब्लॉक का कोल सीम व रिजर्व जी-3 से जी-17 ग्रेड का है और क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार भारित औसत ग्रेड जी-8 है।
सरई बेस्ट इस कोल ब्लॉक की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस कोल ब्लॉक का वास्तविक जियोलॉजिकल नाम सरई वेस्ट व शिवगढ़ सरई वेस्ट ब्लॉक है। इसके ब्लॉक के प्रस्तावित दायरे में करीब 1052 परिवार (2011 की जनगणना के अनुसार) निवासरत हैं। इस कोल ब्लॉक रेल व सड़क मार्ग दोनों तरह से पहुंचा जा सकता है। यह बरगवां टाउन एरिया से लगभग 41 किमी की दूरी पर दशिक्ष-पश्चिम में और जिला मुख्यालय वैढ़न शहर से 55 किमी की दूर पर पश्चिम में स्थित है। यहां पास से राष्ट्रीय राजमार्ग-75 और राज्य मार्ग-39 गुजरता है। यहां पास बरदिया नाला पश्चिम भाग से होकर बहता है। इस ब्लॉक का कोल सीम व रिजर्व जी-1 से जी-14 ग्रेड का है और क्षेत्रीय भू-वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार भारित औसत ग्रेड जी-7 है।
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